मुख्यमंत्री धामी के साथ केंद्रीय टीम की मुलाकात: आपदा प्रभावित उत्तराखंड के लिए राहत और पुनर्निर्माण पर फोकस

देहरादून,हिंदी न्यूज़ ,उत्तराखंड के मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी से आज भारत सरकार की इंटर मिनिस्ट्रीयल टीम ने देहरादून स्थित सचिवालय में मुलाकात की। इस मुलाकात का उद्देश्य राज्य में मानसून के दौरान हुई अतिवृष्टि, भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव के कारण हुए नुकसान का आकलन करना था। केंद्रीय गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आर. प्रसन्ना के नेतृत्व में आई इस टीम में अनु सचिव शेर बहादुर, अधीक्षण अभियंता  सुधीर कुमार, उप निदेशक विकास सचान, मुख्य अभियंता पंकज सिंह और निदेशक डॉ. वीरेन्द्र सिंह शामिल थे।

♦उत्तराखंड: आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य

मुख्यमंत्री धामी ने केंद्रीय टीम को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील राज्य है। मानसून के दौरान अतिवृष्टि के कारण भूस्खलन, बाढ़ और जलभराव जैसी समस्याएं राज्य के लिए गंभीर चुनौती बनकर सामने आती हैं। इस वर्ष अत्यधिक बारिश के कारण उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक नुकसान हुआ है। जनहानि के साथ-साथ सड़कों, भवनों, और अन्य परिसंपत्तियों को भी भारी क्षति पहुंची है। उन्होंने बताया कि पर्वतीय क्षेत्रों में बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से जमीन का स्थायी नुकसान हो रहा है, जिसके कारण प्रभावित क्षेत्रों को खेती-बाड़ी या निर्माण कार्यों के लिए पुनः उपयोग में लाना असंभव हो जाता है।

♦भूस्खलन रोकथाम के लिए पूर्वानुमान प्रणाली को मजबूत करने की जरूरत

मुख्यमंत्री ने भूस्खलन से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के साथ मिलकर पूर्वानुमान प्रणाली को और अधिक प्रभावी बनाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रणाली विकसित करने से आपदा की पूर्व चेतावनी मिल सकेगी, जिससे जान-माल की हानि को न्यूनतम किया जा सकता है। इसके साथ ही, उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में दीर्घकालिक समाधान के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने की बात कही।

♦केंद्रीय टीम ने लिया नुकसान का जायजा

केंद्रीय इंटर मिनिस्ट्रीयल टीम ने उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, बागेश्वर और नैनीताल जिलों के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। टीम ने भौतिक रूप से नुकसान का आकलन किया और प्रभावित लोगों से बातचीत कर उनके अनुभवों और समस्याओं को समझा। केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में किए जा रहे राहत कार्यों की सराहना की।

केंद्रीय टीम ने राहत शिविरों में रहने, भोजन, चिकित्सा सुविधाओं और अन्य मूलभूत सुविधाओं की समुचित व्यवस्था को सराहनीय बताया। टीम ने विशेष रूप से इस बात की प्रशंसा की कि आपदा में मृतकों के परिजनों और जिनके घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें राज्य सरकार द्वारा ₹5 लाख की तात्कालिक सहायता राशि प्रदान की गई है। इससे प्रभावित परिवारों को काफी राहत मिली है।

♦गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष पहल

केंद्रीय टीम ने राज्य सरकार की एक अन्य महत्वपूर्ण पहल की भी सराहना की, जिसमें सभी गर्भवती महिलाओं का संपूर्ण डाटा जिला प्रशासन के पास उपलब्ध है। इस डाटा के आधार पर गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षित प्रसव के लिए निरंतर संपर्क और व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। केंद्रीय टीम ने इस पहल को अन्य राज्यों के लिए अनुकरणीय बताते हुए इसे अपने सुझावों में शामिल करने की बात कही।

♦भविष्य की चुनौतियां और सुझाव

केंद्रीय टीम ने अपने दौरे के दौरान यह भी देखा कि भूस्खलन और बाढ़ के कारण नदियों में अत्यधिक मात्रा में सिल्ट जमा हो गया है, जिससे जल स्तर बढ़ने की वजह से भविष्य में नुकसान की संभावना बढ़ गई है। टीम ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और इसे अपनी रिपोर्ट में शामिल करने का आश्वासन दिया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव  आनंद बर्द्धन, अपर मुख्य सचिव आर.के. सुधांशु, सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी आनंद स्वरूप उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय टीम के साथ इस मुलाकात को सकारात्मक बताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है। केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर केंद्र सरकार से अतिरिक्त सहायता और संसाधनों की उम्मीद जताई जा रही है, ताकि आपदा प्रभावित क्षेत्रों का पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य तेजी से किया जा सके।

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