सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: बुलडोजर एक्शन में नागरिकों की रक्षा सुनिश्चित, शहर के बुद्धिजीवियों और आम लोगों ने जताई खुशी

♦मतलुब अहमद

हल्द्वानी : हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने विभिन्न राज्यों में चल रहे बुलडोजर एक्शन पर महत्वपूर्ण निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी एजेंसियों को बुलडोजर एक्शन के मामले में विशेष सतर्कता बरतने का आदेश दिया है, ताकि नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन न हो। कोर्ट ने यह भी कहा है कि कोई भी बुलडोजर कार्रवाई करने से पहले उचित प्रक्रिया अपनाई जाए और संबंधित व्यक्ति को नोटिस देकर उसे अपनी स्थिति स्पष्ट करने का अवसर दिया जाए।

जमींयत उलेमा-ए-हिन्द के सदर मोहतरम मौलाना सय्यद अरशद मदनी साहब के प्रयासो से गैर संवेधानिक बुलडोज़र एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट में कामयाबी मिली है माननीय उच्चतम न्यायालय ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा कि सरकार जज बनकर किसी का घर गिराने का फैसला नहीं कर सकती कोई चीज़ वैध हैं य अवैध इसका फैसला न्यायपालिका ही करेगी। इस फैसले पर हल्द्वानी शहर के बुद्धिजीवी और आम जनता ने अपनी राय और खुशी जाहिर की।

उलेमा-हिन्द ज़िला नैनीताल के जिला मौलाना मुकीम कासमी ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करती हैं।असंवेधानिक प्रक्रिया से पॉवर का गलत इस्तेमाल कर लोगो का घर गिराना नागरिकों के लोकतान्त्रिक अधिकारों का हनन ही हैं हम अपने सदर-ए-मोहतरम का भी दिल की गहराइयों से शुक्रिया अदा करते हैं,के उन्होंने इस अहम मामले में कोशिश की समाज का हर तबका,हर अमन पसंद शख्स इस मामले में परेशान था कि किसी की जिंदगी भर की कमाई से बना घर टूट जाता था गलती अगर एक से हुई उस की सजा घर में रहने वाले बूढ़े मां-बाप,छोटे बच्चों, को मिलती थी मौलाना अरशद मदनी साहब ने इस घिनौनी हरकत को समझा दर्द को महसूस किया इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए वहाँ सीनियर एडवोकेट को खड़ा किया,आज हम सब सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बेहद खुश है,आज हर मजलूम की जीत हुई हे अब जमीयत मुआवजे के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएगी और उन्होंने जमीयत उलेमा ए हिंद के सदर  मौलाना सैयद अरशद मदनी साहब के प्रयासों की सराहना की ।

 एडवोकेट मजहर अली ने सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर रोक के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह निर्देश महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे लोगों के अधिकारों की रक्षा होगी और कानून के दायरे में उचित प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि बिना कानूनी प्रक्रिया का पालन किए किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना अनुचित है। सुप्रीम कोर्ट का यह निर्देश यह सुनिश्चित करता है कि किसी के भी अधिकारों का हनन न हो और न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान बना रहे। और उन्हें आगे कहा कि जमियत उलेमा ए हिंद के प्रयासो के सरहाना की।

रेलवे बाजार के लवी इलेक्ट्रॉनिक के मालिक रियाज अहमद ने सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन को रोकने के सख्त निर्देश के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि यह फैसला देश के उन बेगुनाह लोगों के लिए राहत लेकर आया है जिनका कोई कसूर नहीं होता था, फिर भी उनके घरों पर बुलडोजर चला दिया जाता था। इस तरह की कार्रवाई से प्रभावित परिवारों को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता था।और उन्होंने   जमीयत उलेमा ए हिंद के सदर का भी आभार जताया

लाइन नंबर एक के निवासी मुजाहिद हुसैन और मोहम्मद हारून ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि यह फैसला बेगुनाहों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि बिना किसी वैध आदेश के बेकसूर लोगों के घरों को तोड़ना न तो इंसानियत में है और न ही कानून के दायरे में आता है। यह निर्णय उन लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है, जो बिना किसी ठोस आधार के ऐसी कार्रवाई का सामना कर रहे हैं।

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