रिपोर्ट, मतलुब अहमद
हल्द्वानी। नगर निगम चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। सभी पार्टियां चुनावी रणनीतियों में जुटी हुई हैं, लेकिन कांग्रेस ने दमुआढुंगा क्षेत्र में बड़ी राजनीतिक बढ़त हासिल की है। कांग्रेस ने अनुसूचित जाति समाज के प्रमुख नेताओं और समर्थकों को अपने पाले में कर भाजपा को झटका दिया है।
आज दमुआढुंगा क्षेत्र में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की उपस्थिति में वरिष्ठ जनप्रतिनिधि हेमा देवी और पार्षद प्रत्याशी मीना देवी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हुईं। कार्यक्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों की भारी उपस्थिति रही।
इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, “कांग्रेस हमेशा से ही समाज के हर वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध रही है। अनुसूचित जाति समाज के लिए कांग्रेस की नीतियां और योजनाएं यही दर्शाती हैं कि यह पार्टी समाज के विकास के लिए काम करती है। हेमा देवी और मीना देवी का कांग्रेस में आना पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि है और यह आगामी निकाय चुनाव में हमारी स्थिति को और मजबूत करेगा।”
कांग्रेस में शामिल होने के बाद हेमा देवी ने इसे अपनी “घर वापसी” बताते हुए कहा, “कांग्रेस पार्टी की नीतियां और सिद्धांत समाज के सभी वर्गों के उत्थान के लिए हैं। मैं और मेरे समर्थक पूरी ईमानदारी से कांग्रेस को जीत दिलाने के लिए काम करेंगे।” उन्होंने भरोसा जताया कि कांग्रेस ही दमुआढुंगा क्षेत्र के विकास और समाज के हितों की रक्षा कर सकती है।
पार्षद प्रत्याशी मीना देवी ने कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा, “कांग्रेस में जुड़कर मैं पार्टी को और मजबूत करूंगी। यह केवल मेरा निर्णय नहीं है, बल्कि समाज का निर्णय है। हम एक साथ कांग्रेस को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।”
कांग्रेस द्वारा अनुसूचित जाति समाज के प्रमुख जनप्रतिनिधियों को शामिल कराए जाने से भाजपा की चिंता बढ़ गई है। दमुआढुंगा क्षेत्र में दलित समाज का बड़ा वोट बैंक है, जो चुनाव परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
काग्रेस की यह रणनीतिक पहल निकाय थ में पार्टी के लिए एक नई ताकत बनकर उभरेगी। भाजपा के गढ़ माने जाने वाले दमुआढुंगा क्षेत्र में इस तरह का बदलाव कांग्रेस को चुनावी लाभ पहुंचा सकता है।
कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने इस सफलता का स्वागत करते हुए दमुआढुंगा में पार्टी की पकड़ को और मजबूत बनाने का संकल्प लिया। अब देखना होगा कि यह कदम कांग्रेस को नगर निगम चुनाव में कितनी मजबूती देता है।