रिपोर्ट ,मतलुब अहमद
हल्द्वानी। नगर निगम द्वारा फड़ और ठेला संचालकों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के विरोध में सोमवार को शहर में जोरदार प्रदर्शन हुआ। ठेला फड़ वेंडर्स कल्याण समिति के बैनर तले सैकड़ों वेंडर्स ने नगर निगम परिसर में एकत्र होकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और महापौर गजराज सिंह बिष्ट को ज्ञापन सौंपा। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि बिना किसी ठोस नीति और पुनर्वास की व्यवस्था के उनके रोजगार को छीना जा रहा है, जिससे वे और उनके परिवार सड़क पर आ गए हैं।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि 2014-15 में नगर निगम द्वारा किए गए सर्वे के बावजूद वेंडर्स को नियमित करने की प्रक्रिया अब तक अधर में लटकी हुई है। 2016 में बनी नगर विक्रय समिति ने 31 स्थानों को वेंडिंग जोन के रूप में चिन्हित किया था, लेकिन नगर निगम ने अब तक इसे लागू नहीं किया। समिति के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि स्मार्ट आई-कार्ड और वेंडिंग जोनों के चयन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत 25 विक्रेताओं से 40-40 हजार रुपये लिए गए, लेकिन आज तक उन्हें इसका कोई लाभ नहीं मिला।
वेंडर्स ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निगम और पुलिस उनकी रोजी-रोटी छीनने में लगी हुई है। कभी उनके ठेले जब्त कर लिए जाते हैं, तो कभी खाद्य सामग्री नष्ट कर दी जाती है। हाल ही में डिग्री कॉलेज और ठंडी सड़क क्षेत्र से हटाए गए नौ विक्रेताओं को जेल भी भेज दिया गया। समिति का कहना है कि वे नियमित रूप से तह बाज़ारी शुल्क अदा कर रहे हैं, बावजूद इसके उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पथ विक्रेताओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन पर भी सवाल उठाए। वेंडर्स का आरोप है कि नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारी इन योजनाओं को लागू करने में लापरवाही बरत रहे हैं, जिससे वेंडर्स को कोई लाभ नहीं मिल रहा है।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए महापौर गजराज सिंह बिष्ट ने आश्वासन दिया कि नगर निगम उनकी मांगों को गंभीरता से लेगा। उन्होंने कहा कि वेंडिंग जोन स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है और निगम अधिकारियों के साथ बैठक कर जल्द ही इस मामले में उचित निर्णय लिया जाएगा। साथ ही, महापौर ने अवैध शराब बिक्री के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी।
फड़-ठेला संचालकों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, वे संघर्ष जारी रखेंगे। समिति ने चेतावनी दी है कि यदि नगर निगम ने जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो वेंडर्स बड़े आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।