हल्द्वानी।हिन्दी न्यूज़ चौसला गांव में राजकीय भूमि पर अवैध तरीके से फैक्ट्री निर्माण का सनसनीखेज मामला सामने आया है।जिलाधिकारी के निर्देश पर कराई गई जांच में यह पुष्टि हुई है कि फैक्ट्री निर्माण कार्य के दौरान सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर अवैध निर्माण कराया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक शबनम परवीन को निलंबित कर दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, चौसला गांव में जुलाई 2021 में फैक्ट्री का निर्माण कार्य शुरू हुआ था, जो मार्च 2022 तक पूरा हो गया। शुरुआत में इस निर्माण को लेकर कोई आपत्ति दर्ज नहीं की गई थी, लेकिन बाद में जब निर्माण की वैधता पर सवाल उठे तो जिलाधिकारी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए उपजिलाधिकारी कालाढूंगी को जांच के आदेश दिए
जांच के दौरान तकनीकी और भू-राजस्व अभिलेखों का गहन विश्लेषण किया गया। इस जांच में यह तथ्य सामने आया कि फैक्ट्री निर्माणकर्ता ने राजकीय भूमि पर कब्जा करते हुए निर्माण कराया है। यह स्पष्ट अतिक्रमण की श्रेणी में आता है, जो राजस्व नियमों के तहत एक गंभीर अपराध है।
सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि अगस्त 2018 से फरवरी 2024 तक फतेहपुर क्षेत्र में तैनात रही राजस्व उप निरीक्षक शबनम परवीन ने इस अवैध निर्माण की न तो रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को दी, और न ही किसी प्रकार की वैधानिक कार्रवाई की। खसरे और पड़ताल अभिलेखों में इस अतिक्रमण का कोई उल्लेख नहीं किया गया, जो उनकी लापरवाही को दर्शाता है।
राजस्व नियमों के तहत किसी भी प्रकार के अतिक्रमण की जानकारी मिलने पर संबंधित राजस्व अधिकारी को ‘क-24 प्रपत्र’ में विवरण दर्ज कर, राजस्व अभिलेखों में प्रविष्टि करानी होती है। साथ ही ज़मींदारी उन्मूलन एवं भूमि सुधार अधिनियम की धारा 122-बी के तहत विधिक कार्रवाई सुनिश्चित करनी होती है। लेकिन इस मामले में यह प्रक्रिया पूरी तरह नजरअंदाज की गई।
जिलाधिकारी ने इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए शबनम परवीन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। साथ ही उन्हें तहसील कालाढूंगी से संबद्ध कर दिया गया है। प्रशासन ने यह भी संकेत दिए हैं कि निर्माणकर्ता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की जा रही है और अवैध कब्जे को हटाने की दिशा में भी कार्यवाही होगी।
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, इस प्रकरण में अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है और दोषी पाए जाने पर और भी निलंबन व अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है।