आतंकवाद, नक्सलवाद, घुसपैठ और डेमोग्राफी बदलाव पर कड़ा संदेश, न्याय संहिता और सुधारों का रोडमैप पेश
नई दिल्ली, हिंदी न्यूज़ स्वतंत्रता दिवस के 79वें अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए देशवासियों के सामने एक व्यापक दृष्टि, ठोस नीति और निर्णायक इरादों का खाका पेश किया। उनका भाषण राष्ट्र सुरक्षा, न्याय प्रणाली, आर्थिक सुधार, नक्सलवाद उन्मूलन, और घुसपैठ जैसे ज्वलंत मुद्दों पर केंद्रित रहा।
♦आतंकवाद के खिलाफ “न्यू नॉर्मल”
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत आतंकवाद के मुद्दे से करते हुए कहा कि भारत अब एक नए युग में प्रवेश कर चुका है, जिसे उन्होंने “न्यू नॉर्मल” नाम दिया।उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकी और आतंक को पालने-पोसने वाले अब भारत की नज़रों में एक समान हैं दोनों ही मानवता के शत्रु हैं, और उनके बीच कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा।
उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि भारत अब न्यूक्लियर धमकियों और ब्लैकमेल को बर्दाश्त करने वाला नहीं है। “लंबे समय से जो न्यूक्लियर ब्लैकमेल चलता आ रहा है, अब उसका अंत होगा,” प्रधानमंत्री ने दृढ़ स्वर में कहा।
♦न्याय संहिता और अनावश्यक कानूनों का अंत
प्रधानमंत्री ने तीन नए आपराधिक कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि अंग्रेजों की दंड संहिता को समाप्त कर भारत ने न्याय संहिता लागू की है।उनके अनुसार, पुराने कानून नागरिकों में भय का वातावरण बनाते थे, जबकि नई न्याय संहिता नागरिकों में विश्वास और सम्मान का भाव जगाती है।
उन्होंने कहा कि देश में आज भी ऐसे कई छोटे-छोटे अपराधों के लिए जेल भेजने वाले अनावश्यक कानून मौजूद हैं, जिन्हें खत्म करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।“हमने पहले भी संसद में ऐसे कानून हटाने के बिल लाए हैं, और आगे भी लाते रहेंगे। यह सुधार केवल कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि मानसिकता में बदलाव है,” प्रधानमंत्री ने कहा।
♦सुधारों की व्यापक यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि भारत अब तेज़ और व्यापक सुधारों के रास्ते पर है।“चाहे स्ट्रक्चरल रिफॉर्म हो, रेगुलेटरी, पॉलिसी, प्रोसेस या कांस्टीट्यूशनल रिफॉर्म हम हर प्रकार के सुधार को मकसद बनाकर आगे बढ़ रहे हैं,” उन्होंने कहा।उनके अनुसार, सुधार केवल कागज़ी बदलाव नहीं हैं, बल्कि यह नागरिकों के जीवन में प्रत्यक्ष लाभ देने वाले ठोस कदम हैं।
♦नक्सलवाद और माओवाद पर निर्णायक प्रहार
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र सुरक्षा के मोर्चे पर बीते 11 वर्षों की उपलब्धियों का उल्लेख किया।उन्होंने याद दिलाया कि एक समय सवा सौ से अधिक जिलों में नक्सलवाद अपनी जड़ें जमा चुका था, खासतौर पर जनजातीय क्षेत्रों में।“आज हमने इस संख्या को घटाकर सिर्फ 20 जिलों तक सीमित कर दिया है। यह हमारे जनजातीय समाज की सबसे बड़ी सेवा है,” उन्होंने कहा।
प्रधानमंत्री ने बस्तर का उदाहरण देते हुए कहा कि कभी बम-बंदूक की आवाज से गूंजने वाला यह इलाका अब खेल के मैदानों में भारत माता की जय के नारों से भर रहा है, जहां हजारों युवा ओलंपिक में भाग ले रहे हैं। उन्होंने गर्व से बताया कि जो क्षेत्र पहले “रेड कॉरिडोर” के नाम से बदनाम थे, अब “ग्रीन कॉरिडोर” के रूप में विकास की मिसाल बन रहे हैं।
भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर इस बदलाव को उन्होंने एक सच्ची श्रद्धांजलि बताया। घुसपैठ और डेमोग्राफिक बदलाव पर सख्त रुख प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में एक गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौती डेमोग्राफिक बदलाव का मुद्दा भी उठाया।उन्होंने कहा कि एक सुनियोजित साजिश के तहत देश की जनसांख्यिकी बदली जा रही है, जो राष्ट्रीय एकता, अखंडता और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा है।
“घुसपैठिए हमारे नौजवानों की नौकरियां छीन रहे हैं, बहन-बेटियों को निशाना बना रहे हैं और भोले-भाले आदिवासियों की जमीन हड़प रहे हैं। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा,” उन्होंने चेतावनी दी कि सीमावर्ती क्षेत्रों में डेमोग्राफी में परिवर्तन होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा खतरा मंडराने लगता है।
♦हाई पावर डेमोग्राफी मिशन की घोषणा
इस चुनौती से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने एक हाई पावर डेमोग्राफी मिशन की घोषणा की। उन्होंने कहा, “भारत इस भीषण संकट से निपटने के लिए सुविचारित और निश्चित समय-सीमा में कार्य करेगा। कोई भी देश अपने को घुसपैठियों के हवाले नहीं करता, और भारत भी ऐसा नहीं करेगा।”उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारे पूर्वजों ने बलिदान देकर हमें स्वतंत्र भारत दिया है, और इस विरासत की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है।प्रधानमंत्री मोदी के इस संबोधन में राष्ट्र सुरक्षा, न्याय प्रणाली में सुधार, जनजातीय कल्याण, आर्थिक विकास और सामाजिक संतुलन को लेकर स्पष्ट नीति और ठोस इरादे सामने आए।
लाल किले से उनका यह संदेश न केवल आने वाले वर्षों की दिशा तय करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भारत अब निर्णायक, आत्मनिर्भर और सशक्त राष्ट्र के रूप में आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध है।Courtesy: PIB”