नैनीताल,हिंदी न्यूज़ ।जनपद नैनीताल में बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने कड़ा रुख अपनाया है। स्कूल और कॉलेजों के बाहर बालिकाओं पर बुरी नजर रखने वाले और अभद्र टिप्पणी करने वाले असामाजिक तत्वों पर नकेल कसने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान के तहत स्कूलों के बाहर सादे वस्त्रों में पुलिसकर्मियों की तैनाती, नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई, और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। एसएसपी मीणा ने सभी थाना प्रभारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि बालिकाओं की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा।

“स्कूल-कॉलेजों के बाहर पुलिस का कड़ा पहरा”
एसएसपी मीणा के निर्देश पर पुलिस अधीक्षक नैनीताल, पुलिस अधीक्षक नगर हल्द्वानी, और क्षेत्राधिकारी हल्द्वानी, रामनगर, और लालकुआ के पर्यवेक्षण में जनपद के सभी थाना प्रभारियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में स्कूलों और कॉलेजों के बाहर कड़ा पहरा शुरू किया है। स्कूल टाइम के दौरान पुलिस टीमें छात्राओं पर बुरी नजर रखने वाले और अभद्र टिप्पणी करने वाले मनचलों पर पैनी नजर रख रही हैं। इसके लिए सादे वस्त्रों में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी की गई है, जो असामाजिक तत्वों पर निगरानी रख रहे हैं।

“मनचलों और अनावश्यक भीड़ पर सख्त कार्रवाई”
पुलिस ने स्कूलों के बाहर अनावश्यक रूप से खड़े लोगों के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया है। हाल ही में की गई कार्रवाई में 34 लोगों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई और उनसे ₹8200 का जुर्माना वसूला गया। इन लोगों को कड़ी चेतावनी दी गई कि भविष्य में स्कूलों के बाहर बिना किसी स्पष्ट कारण के खड़े पाए जाने पर और सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, नियमों का उल्लंघन करने वाले 8 वाहनों को सीज किया गया।

“नाबालिग वाहन चालकों पर नकेल
थाना काठगोदाम के थानाध्यक्ष श्री विमल मिश्रा के नेतृत्व में चेकिंग अभियान के दौरान तीन नाबालिग बच्चों को वाहन चलाते पकड़ा गया। इनके वाहनों को सीज कर लिया गया और उनके परिजनों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम (एम.वी. एक्ट) के तहत अभियोग दर्ज किया गया। इसके साथ ही, इन नाबालिगों और उनके साथ वाहन में बैठे दो अन्य व्यक्तियों को बाल कल्याण अधिकारी द्वारा काउंसलिंग के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया गया।

“जागरूकता अभियान: छात्र-छात्राओं को किया गया जागरूक”
पुलिस ने बालिकाओं और छात्रों को सुरक्षित रखने के लिए जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। इस अभियान के तहत स्कूलों में छात्र-छात्राओं को गौरा शक्ति ऐप की जानकारी दी गई। इसके अलावा, महिला अपराध, पोक्सो एक्ट, साइबर अपराध, नशे के दुष्परिणाम, और ट्रैफिक नियमों से संबंधित जानकारी प्रदान की गई। छात्रों को साइबर अपराध से सतर्क रहने और नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया गया। पुलिस ने ट्रैफिक नियमों और मोटर वाहन अधिनियम के पालन के महत्व पर भी जोर दिया।
“एसएसपी का सख्त संदेश: “अराजक तत्वों की कोई जगह नहीं”
एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने साफ शब्दों में कहा कि स्कूल-कॉलेजों के बाहर अराजक तत्वों के लिए कोई जगह नहीं है। बच्चों की सुरक्षा पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने जनता से अपील की कि वे पुलिस के इस अभियान में सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों के बाहर पुलिस की सक्रियता से उनके बच्चों, खासकर बालिकाओं को सुरक्षित माहौल मिलेगा। स्कूल प्रबंधनों ने भी इस पहल को सराहा और कहा कि यह कदम छात्रों के मनोबल को बढ़ाने में मदद करेगा।

पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। स्कूल-कॉलेजों के आसपास नियमित चेकिंग, सादे वस्त्रों में पुलिस की तैनाती, और जागरूकता कार्यक्रमों को और तेज किया जाएगा। साथ ही, नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा।
नैनीताल पुलिस का यह अभियान न केवल बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि समाज में जागरूकता फैलाने और असामाजिक तत्वों को सबक सिखाने का भी एक मजबूत संदेश देता है।

