गेराल्डो अल्कमिन ने दिल्ली में AIIA का दौरा किया: आयुर्वेद को बताया 5,000 वर्ष पुराना ‘स्वास्थ्य खजाना’

नई दिल्ली,हिंदी न्यूज़ ,ब्राजील के उपराष्ट्रपति और विकास, उद्योग, व्यापार एवं सेवा मंत्री महामहिम श्री गेराल्डो अल्कमिन ने शुक्रवार को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने आयुर्वेद को विश्व के लिए निवारक और सतत स्वास्थ्य सेवा का शाश्वत ज्ञान बताते हुए भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली की सराहना की। अल्कमिन भारत की आधिकारिक यात्रा पर हैं और उनके साथ उनकी पत्नी  मारिया लूसिया अल्कमिन तथा 14 सदस्यीय उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था।

दौरे के दौरान  अल्कमिन ने AIIA के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा, “आयुर्वेद स्वास्थ्य और ज्ञान का 5,000 वर्ष पुराना खजाना है। मैं स्वास्थ्य को बढ़ावा देने, रोगों के उपचार और समग्र दृष्टिकोण के माध्यम से शिक्षा एवं अनुसंधान को आगे बढ़ाने में इस संस्थान के अद्भुत कार्य के लिए बधाई देता हूं।” उन्होंने आगे कहा, “निवारक और सतत स्वास्थ्य सेवा के लिए दुनिया को आयुर्वेद के शाश्वत ज्ञान की आवश्यकता है।”

उपराष्ट्रपति ने अपनी व्यक्तिगत रुचि जाहिर करते हुए मजाकिया लहजे में टिप्पणी की, “जीवन प्रत्याशा बढ़ रही है, और आयुर्वेद जैसी प्राकृतिक एवं निवारक स्वास्थ्य प्रणालियों की मांग भी बढ़ रही है। अगर यह छोटी यात्रा न होती, तो मैं निश्चित रूप से अपनी पीठ दर्द का इलाज यहीं AIIA में करवाता।” उन्होंने गर्मजोशी भरे स्वागत के लिए भारत सरकार और AIIA टीम को धन्यवाद भी दिया।

यह दौरा भारत और ब्राजील के बीच पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में बढ़ते सहयोग का प्रतीक माना जा रहा है। दोनों देश जैव विविधता और प्राचीन ज्ञान से समृद्ध हैं, जो आधुनिक विज्ञान द्वारा प्रमाणित स्थायी स्वास्थ्य मॉडल विकसित करने में सहायक हो सकते हैं। आयुर्वेद, योग और अन्य भारतीय प्रणालियां ब्राजील में तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं, जो समग्र स्वास्थ्य देखभाल की वैश्विक स्वीकृति को दर्शाता है।

आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा और AIIA के निदेशक प्रो. (वैद्य) प्रदीप कुमार प्रजापति ने उपराष्ट्रपति और उनके प्रतिनिधिमंडल का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल में भारत में ब्राजील के राजदूत महामहिम केनेथ नोब्रेगा, ब्राजील स्वास्थ्य नियामक एजेंसी (ANVISA) के निदेशक महामहिम रोमिसन रोड्रिग्स तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

वैद्य कोटेचा ने पारंपरिक चिकित्सा, एकीकृत स्वास्थ्य अनुसंधान और कल्याण उद्योगों में दोनों देशों के बीच अधिक सहयोग की वकालत की। दौरे के दौरान अल्कमिन और उनके दल को AIIA की आयुर्वेद शिक्षा, नैदानिक सेवाओं तथा उन्नत अनुसंधान गतिविधियों का अवलोकन कराया गया। उन्होंने अस्पताल खंड, शैक्षणिक एवं अनुसंधान विंग, और एकीकृत स्वास्थ्य विज्ञान केंद्र का भ्रमण किया तथा संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों से बातचीत की।

आगंतुकों के समक्ष AIIA की वैश्विक पहलों, सफलता की कहानियों और साक्ष्य-आधारित आयुर्वेद को बढ़ावा देने वाली प्रस्तुति दी गई। यह दौरा मौजूदा समझौता ज्ञापनों (MoUs) के माध्यम से दोनों देशों के सहयोग को मजबूत करने का अवसर भी प्रदान किया।

AIIA का ब्राजील के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ गहरा सहयोग है, जिसमें तीन प्रमुख MoUs शामिल हैं: AIIA और ब्राजील के  वजेरा फाउंडेशन एवं संबद्ध संस्थानों के बीच MoU: पारंपरिक चिकित्सा में शैक्षणिक आदान-प्रदान और क्षमता निर्माण पर फोकस।

AIIA तथा रियो डी जनेरियो के संघीय विश्वविद्यालय (UFRJ), और ब्राजील के एकीकृत स्वास्थ्य के लिए ब्राजीलियाई शैक्षणिक संघ (CABSIN) के बीच MoU: निरंतर सहयोग के लिए नवीनीकृत, जो संयुक्त अनुसंधान को बढ़ावा देता है।AIIA, फ्यूचर विजन इंस्टीट्यूट और साओ पाउलो के संघीय विश्वविद्यालय के बीच MoU: वैज्ञानिक ज्ञान के आदान-प्रदान और पारंपरिक चिकित्सा विरासत के संरक्षण पर केंद्रित।

ये समझौते पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों की गुणवत्ता, सुरक्षा और सुलभता बढ़ाने के साथ-साथ अनुसंधान और संरक्षण को प्रोत्साहित करते हैं। आयुष मंत्रालय के तहत AIIA भारत में आयुर्वेद के क्षेत्र में अग्रणी संस्थान है, जो एकीकृत स्वास्थ्य प्रणालियों को वैश्विक स्तर पर प्रमोट करता है।

यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी पारंपरिक चिकित्सा को मुख्यधारा में शामिल करने पर जोर दे रहा है। भारत और ब्राजील जैसे देशों का सहयोग न केवल द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों जैसे बढ़ती जीवन प्रत्याशा और पुरानी बीमारियों से निपटने में मददगार साबित होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आयुर्वेद की निवारक दृष्टिकोण ब्राजील की स्वास्थ्य नीतियों में एकीकृत हो सकता है, जहां प्राकृतिक चिकित्सा पहले से ही लोकप्रिय है।

AIIA के निदेशक प्रो. प्रजापति ने कहा, “यह दौरा दोनों देशों के बीच ज्ञान के आदान-प्रदान को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। हम ब्राजील के साथ और अधिक संयुक्त परियोजनाओं की उम्मीद कर रहे हैं।”इस यात्रा से भारत की सॉफ्ट पावर के रूप में आयुर्वेद की छवि और मजबूत हुई है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘आयुष विजन’ का हिस्सा है। 

 

 

 

 

 

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