“दिल्ली: लिव-इन पार्टनर की खौफनाक करतूत, हत्या के बाद युवती की लाश सूटकेस में जलाने की सनसनीखेज वारदात”

रिपोर्ट, मतलुब अहमद

दिल्ली के गाजीपुर इलाके में रिश्तों और भरोसे को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। 22 साल की शिल्पा पांडे, जो अपने चचेरे भाई अमित तिवारी के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रह रही थी, उसकी गला दबाकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद उसकी लाश को सूटकेस में बंद कर जला दिया गया। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने आरोपी अमित तिवारी और उसके दोस्त अनुज को गिरफ्तार कर लिया है।

 पुर्वी दिल्ली के डीसीपी अभिषेक धनिया के अनुसार, शिल्पा और अमित पिछले एक साल से लिव-इन रिलेशनशिप में थे। शिल्पा अमित पर शादी का दबाव बना रही थी, लेकिन अमित उससे छुटकारा पाना चाहता था। 25 जनवरी की रात, जब अमित नशे में था, दोनों के बीच विवाद हुआ। गुस्से में अमित ने शिल्पा का गला घोंटकर हत्या कर दी।

 हत्या के बाद अमित ने शव ठिकाने लगाने की योजना बनाई। उसने अपने दोस्त अनुज, जो पेशे से कैब ड्राइवर है, को मदद के लिए बुलाया। दोनों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में शव को दफनाने का प्लान बनाया, लेकिन 26 जनवरी के सुरक्षा अलर्ट के कारण जगह-जगह पुलिस की सख्त चेकिंग के चलते वे ऐसा नहीं कर सके।

शिल्पा के शव को छुपाने के लिए अमित ने गाजीपुर के एक पेट्रोल पंप से 160 रुपए का डीजल खरीदा। उसने शव को सूटकेस में बंद किया और 26 जनवरी की सुबह 1:45 बजे गाजीपुर में एक सुनसान जगह पर सूटकेस फेंककर आग लगा दी। इसके बाद अमित ने अनुज को छोड़कर ग्रेटर नोएडा की ओर रुख किया।

 26 जनवरी की सुबह 4:10 बजे पुलिस को गाजीपुर इलाके में जले हुए सूटकेस में एक अधजला शव मिलने की सूचना मिली। पुलिस ने हत्या और सबूत मिटाने का मामला दर्ज किया। शुरुआती जांच में कोई ठोस सुराग नहीं था। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगाले और 20-25 गाड़ियों की मूवमेंट की जांच की।

 जांच के दौरान एक यूपी नंबर की ह्युंडई वर्ना संदिग्ध पाई गई। यह गाड़ी लोनी के एक व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसने बताया कि उसने यह गाड़ी अमित तिवारी को बेची थी। इसके बाद पुलिस ने अमित का पता लगाया और उसे ग्रेटर नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में अमित ने अपना अपराध कबूल कर लिया।

 पुलिस की जांच में सामने आया कि अमित प्रयागराज भागने की फिराक में था। शिल्पा के माता-पिता, जो सूरत में रहते हैं, को इस घटना के बारे में जानकारी दी गई। पुलिस ने आरोपी अमित और उसके दोस्त अनुज के खिलाफ हत्या और सबूत मिटाने के आरोप में केस दर्ज कर लिया है।

 यह घटना रिश्तों की जटिलता और उनमें बढ़ते तनाव को उजागर करती है। चचेरे भाई के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने और फिर हत्या तक पहुंचने वाली यह कहानी न केवल दिल दहला देने वाली है, बल्कि समाज में बदलते संबंधों और नैतिकता पर सवाल खड़े करती है।

 सीसीटीवी फुटेज और गहन जांच के जरिए इस मर्डर केस का पर्दाफाश किया गया। पुलिस ने इस बात पर जोर दिया है कि ऐसे अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाई जाएगी। गाजीपुर की यह घटना समाज के लिए एक सबक है, जो रिश्तों में आपसी विश्वास और जिम्मेदारी की अहमियत को रेखांकित करती है।

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