दमुवाढूँगा में डर का माहौल – सरकार का तुग़लकी रवैया अस्वीकार्य: सुमित हृदयेश

हलद्वानी:हिंदी न्यूज। विधायक सुमित हृदयेश ने दमुवाढूँगा क्षेत्र में प्रशासनिक दबाव और डर के माहौल की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि यह वही क्षेत्र है, जिसे उनकी माता स्व. श्रीमती इंदिरा हृदयेश ने वर्ष 2002 में गोद लेकर अभूतपूर्व विकास कार्य किए थे। उनके सपनों को साकार करते हुए वर्तमान में सुमित हृदयेश द्वारा ₹2 करोड़ से अधिक की लागत से सड़क निर्माण सहित कई विकास योजनाएँ संचालित की जा रही हैं।

सुमित हृदयेश ने कहा, “मेरी माताजी का स्पष्ट सपना था कि दमुवाढूँगा वासियों को उनका मालिकाना हक मिले। वर्ष 2016 में इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दमुवाढूँगा को राजस्व ग्राम के रूप में बंदोबस्त घोषित किया गया। इसके बावजूद वर्तमान सरकार इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने में विफल रही है और अब दावा कर रही है कि दमुवाढूँगा में नए लोगों ने कब्जा किया है। यह सरासर गलत और असंवेदनशील है।”उन्होंने बताया कि दमुवाढूँगा के निवासी पिछले 50-60 वर्षों से वहाँ निवास कर रहे हैं, खेती और कास्तकारी कर रहे हैं। सरकार का यह रवैया कि इन लोगों की जमीनों पर प्रशासन कब्जा करेगा, पूर्णतः अन्यायपूर्ण है।

सुमित हृदयेश ने आगे कहा कि यह समस्या केवल दमुवाढूँगा तक सीमित नहीं है। हाल ही में काठगोदाम क्षेत्र में मलिन बस्ती श्रेणी ‘ए’ के लोगों को डरा-धमकाकर उनके घर तोड़े गए, जबकि इन बस्तियों को कानूनी संरक्षण प्राप्त है।“हल्द्वानी शहर में गरीब, वंचित और मेहनतकश नागरिकों को डराने-धमकाने का तुग़लकी रवैया अपनाया जा रहा है, जो लोकतंत्र और संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। हम इस अन्याय का पुरजोर विरोध करते हैं और जल्द ही प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर इस मुद्दे को उठाएंगे। दमुवाढूँगा वासियों को उनका वैधानिक हक दिलवाने के लिए हम पूरी मज़बूती से उनके साथ खड़े हैं

एडवोकेट गोविंद सिंह बिष्ट ने भी इस मुद्दे पर स्पष्ट किया कि वर्ष 2016 में दमुवाढूँगा जवाहर ज्योति क्षेत्र को बंदोबस्ती राजस्व ग्राम घोषित किया गया था। शासनादेश के अनुसार, वहाँ के परंपरागत निवासियों को असंक्रमणीय अधिकारों के साथ भूमिधर घोषित किया जाना था। इसके बावजूद, सरकार अब इन निवासियों की जमीन को अवैध कब्जा बताकर हड़पने का प्रयास कर रही है, जो न केवल अवैधानिक है, बल्कि मानवता और न्याय के विरुद्ध भी है।

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