मतलुब अहमद
हल्द्वानी। ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय के छात्र दीपांशु जोशी की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत ने अब हत्या के आरोपों के साथ तूल पकड़ लिया है। शुक्रवार को दौलिया क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीणों ने पूर्व प्रधान कैलाश भट्ट और पीयूष जोशी के नेतृत्व में एसएसपी कार्यालय का घेराव किया। ग्रामीणों और परिजनों ने दोषियों की गिरफ्तारी और कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए चेतावनी दी कि अगर पुलिस ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
बताते चलेग की शनिवार शाम को हल्दुचौड दौलिया निवासी दिव्यांशु का शव जंगल में संदिग्ध परिस्थितियों में पाया गया था। घटनास्थल से पार्टी में इस्तेमाल किए गए खाने के बर्तन भी बरामद हुए थे। सूचना मिलते ही सीओ सिटी नितिन लोहनी कोतवाल राजेश यादव में पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे
मृतक दीपांशु के पिता गोपाल दत्त पांडे ने तहरीर में दीपांशु के दोस्त सुमित यादव पर मानसिक प्रताड़ना और हत्या का आरोप लगाया है। परिजनों के अनुसार, घटना वाले दिन सुमित ने फोन कर दीपांशु की आत्महत्या की सूचना दी और परिवार को धमकी दी कि अगर उसे मामले में फंसाया गया, तो वह पूरे परिवार को नुकसान पहुंचाएगा। परिवार ने यह भी आरोप लगाया कि सुमित ने वीडियो कॉल पर दीपांशु का शव दिखाकर डराने की कोशिश की।
ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए। उनका कहना है कि घटनास्थल पर पहुंचने में पुलिस ने देरी की और सबूत जुटाने के लिए मोबाइल की टॉर्च का इस्तेमाल किया। एसएसआई रोहताश सागर पर भी गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी का आरोप लगाया गया।
एसएसपी की अनुपस्थिति में सीओ नितिन लोहनी ने पीड़ित परिवार और ग्रामीणों से मुलाकात की। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष टीम गठित करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने यह भी बताया कि पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के साथ डॉक्टरों के पैनल द्वारा किया जा रहा है।
पुर्व प्रधान कैलाश भट्ट पीयूष जोशी ने दोषियों की गिरफ्तारी और मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेजने की मांग की। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक परिवार की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की न्याय की लड़ाई है। यदि दोषियों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो क्षेत्र के लोग आंदोलन करेंगे।
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि दोषियों को गिरफ्तार किए बिना वे शांत नहीं बैठेंगे। इस घटना ने पूरे क्षेत्र को झकझोर दिया है, और अब न्याय की मांग को लेकर ग्रामीण और जनप्रतिनिधि एकजुट होकर खड़े हैं।