रिपोर्ट, मतलुब अहमद
हल्द्वानी। नगर निगम चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के प्रतिनिधि रह चुके सौरभ भट्ट ने कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थाम लिया है। इस कदम से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
सौरभ भट्ट ने अपने दर्जनों समर्थकों के साथ बीजेपी ज्वाइन की। इस मौके पर बीजेपी के कुमाऊं संभाग कार्यालय में एक विशेष समारोह आयोजित किया गया। समारोह में बीजेपी के जिला अध्यक्ष प्रताप बिष्ट, सांसद अजय भट्ट और बीजेपी के मेयर प्रत्याशी गजराज बिष्ट मौजूद रहे। इन सभी नेताओं ने सौरभ भट्ट को माला पहनाकर और पार्टी का प्रतीक चिन्ह भेंट कर औपचारिक रूप से पार्टी में उनका स्वागत किया।
बीजेपी में शामिल होने के बाद सौरभ भट्ट ने इसे अपनी “घर वापसी” बताते हुए खुशी जताई। उन्होंने कहा, “बीजेपी में वापसी करना मेरे लिए सम्मान की बात है। मैं पार्टी के मेयर प्रत्याशी गजराज बिष्ट को पूरी निष्ठा और मेहनत के साथ चुनाव जिताने के लिए काम करूंगा।”
नगर निगम चुनाव में इस दलबदल को बीजेपी के लिए एक बड़ा मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। स्वर्गीय इंदिरा हृदयेश के करीबी रहे सौरभ भट्ट का बीजेपी में शामिल होना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है। इससे न केवल कांग्रेस की स्थिति कमजोर होगी बल्कि बीजेपी के मेयर प्रत्याशी गजराज बिष्ट को भी बड़ा लाभ मिल सकता है।
सौरभ भट्ट के बीजेपी में शामिल होने से कांग्रेस में चिंता बढ़ गई है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि सौरभ भट्ट के इस कदम से कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक पर असर पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि यह दलबदल नगर निगम चुनाव के परिणामों पर कितना प्रभाव डालता है। बीजेपी ने सौरभ भट्ट को पार्टी में शामिल कर अपनी रणनीतिक पकड़ को और मजबूत किया है।