रिपोर्ट, मतलुब अहमद
हल्द्वानी – नगर निगम चुनाव में वार्ड 21 का मुकाबला इस बार बेहद दिलचस्प हो गया है। निवर्तमान पार्षद गुफरान को अपने पद को बचाने के लिए इमरान हुसैन गुर्जर से कड़ी चुनौती मिल रही है। युवा और ऊर्जावान छवि वाले इमरान गुर्जर अपने सामाजिक मुद्दों और विकास कार्यों को लेकर क्षेत्र में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
“वादा नहीं विकास करगे,साथ दिजिये काम करगे”इमरान हुसैन गुर्जर ने अपने प्रचार अभियान की शुरुआत जोरदार तरीके से की है। वे घर-घर जाकर जनता से संवाद कर रहे हैं और अपनी योजनाओं को साझा कर रहे हैं। इमरान ने वार्ड की प्रमुख समस्याओं जैसे स्वच्छता, सड़क सुधार, जल आपूर्ति और नशामुक्ति पर फोकस किया है। जो काम वार्ड की जनता के अधूरे रह गये उन्हें पुरा करेंगे।
इमरान ने युवाओं को नशे की लत से बचाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने का वादा किया है। उन्होंने कहा, “नशा एक सामाजिक बुराई है, जिसे खत्म करना मेरी प्राथमिकता होगी। इसके लिए जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएं और काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे।”
इमरान ने महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कौशल विकास प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करने की योजना बनाई है। उन्होंने महिला सुरक्षा, शिक्षा और स्वच्छता के मुद्दों पर भी काम करने का आश्वासन दिया।
इमरान ने वार्ड की सफाई व्यवस्था को सुधारने, सड़कों की मरम्मत, कूड़ा प्रबंधन, जल आपूर्ति और बिजली समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर हल करने का वादा किया है।
पिछले कार्यकाल में पार्षद रहे गुफरान अपने विकास कार्यों के आधार पर जनता से समर्थन मांग रहे हैं। हालांकि, इस बार उन्हें इमरान गुर्जर की बढ़ती लोकप्रियता से कड़ी चुनौती मिल रही है। गुफरान ने भी स्वच्छता और बुनियादी समस्याओं पर काम करने का वादा किया है, लेकिन क्षेत्र में इमरान की सक्रियता ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।
चुनाव प्रचार के दौरान इमरान को बड़ी संख्या में लोगों का समर्थन मिल रहा है। स्थानीय निवासी उनके नशामुक्ति और महिला सशक्तिकरण के वादों से खासे प्रभावित हैं। दूसरी ओर, गुफरान भी अपने समर्थकों के साथ क्षेत्र में सक्रिय हैं।
चुनाव की तारीख नजदीक आते ही वार्ड 21 का माहौल गरमा रहा है। गली-मोहल्लों में राजनीतिक चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। जनता अब इस बात पर फैसला करेगी कि क्षेत्र का नेतृत्व किसके हाथों में सौंपा जाए।
क्या युवा इमरान हुसैन गुर्जर अपनी नई योजनाओं और लोकप्रियता के दम पर जीत हासिल करेंगे, या गुफरान एक बार फिर अपने कार्यकाल का फायदा उठाएंगे? इसका फैसला जनता आने वाले चुनाव मे करेगी।