साइबर ठगी में फर्जी खातों का बड़ा खुलासा, मास्टरमाइंड समेत 6 गिरफ्तार, सरगना चार्ली उर्फ के.के. की तलाश जारी

रिपोर्ट, मतलुब अहमद

हल्द्वानी। नैनीताल एसएसपी प्रह्लाद मीणा के नेतृत्व में साइबर ठगी के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई में पुलिस ने एक संगठित गैंग का भंडाफोड़ किया है। यह गैंग बाहरी राज्यों से हल्द्वानी आकर फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों के जरिए बैंकों में खाते खोलकर साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। इस गिरोह के मास्टरमाइंड समेत 6 शातिर ठगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेज, मोबाइल, एटीएम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड और लाखों रुपये की ठगी का लेन-देन विवरण बरामद किया है।

29 जनवरी 2025 को एसओजी प्रभारी संजीत राठौर को सूचना मिली कि कुछ लोग बाहरी राज्यों से आकर हल्द्वानी में फर्जी आधार कार्ड तैयार कर साइबर ठगी के लिए बैंक खाते खुलवा रहे हैं। इन खातों का इस्तेमाल ठगी से हड़पी गई रकम को इधर-उधर ट्रांसफर करने में किया जा रहा था। सूचना मिलते ही एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद मीणा ने एसपी सिटी प्रकाश चंद्र और सीओ सिटी नितिन को मामले की जांच कर गिरोह के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए।

इसके बाद थानाध्यक्ष मुखानी विजय मेहता और एसओजी प्रभारी संजीत राठौर के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने 29-30 जनवरी की रात मुखानी क्षेत्र में स्थित तारा कंपलेक्स में छापेमारी कर 6 शातिर ठगों को गिरफ्तार कर लिया।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों से  जब पूछताछ की गई तो  चौंकाने वाले खुलासे हुए।पहले गैंग पहले फर्जी आधार कार्ड बनाता था।फिर बाजार में स्थित दुकानों की तस्वीरें लेकर उद्यम विभाग में फर्जी रजिस्ट्रेशन कराया जाता था।इसके बाद इन फर्जी दस्तावेजों के जरिए अलग-अलग बैंकों में खाते खोले जाते थे।

इन खातों के एटीएम, चेकबुक, और बैंकिंग डिटेल्स गैंग के मुख्य सदस्य “चार्ली उर्फ के.के.” को भेजी जाती थीं।हर खोले गए बैंक खाते के लिए गैंग के सदस्यों को 25,000 रुपये नकद मिलते थे, और बाद में खाते से होने वाले लेन-देन का 10-15% कमीशन भी मिलता रहता था।

अब तक की जांच में सामने आया कि गिरोह के मास्टरमाइंड राघवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रघु ने बैंक ऑफ बड़ौदा, कालाढूंगी रोड, हल्द्वानी में अपने साथी रोहन खान के नाम से फर्जी दस्तावेजों के जरिए एक खाता खुलवाया था। इसके अलावा अन्य सदस्यों के खाते भी खुलने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने गिरोह को पकड़ लिया।

गिरफ्तार आरोपियों के नाम  जिसमें मास्टर माइंड राघवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रघु 29 वर्ष, देवरिया, यूपी,लकी 23 वर्ष, लखनऊ, यूपी रोहन खान 22 वर्ष, लखनऊ, यूपी,आकाश सिंह 20 वर्ष, लखनऊ, यूपी, दीपक ,27 वर्ष, लखनऊ, यूपी,रॉकी 43 वर्ष, लखनऊ, यूपी पुलिस अभी गैंग के मुख्य सरगना “चार्ली उर्फ के.के.” की तलाश कर रही हैं। गिरोह के मुख्य सरगना “चार्ली उर्फ के.के.” की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगातार दबिश दे रही है। चार्ली फर्जी आधार कार्ड और उद्यम विभाग के फर्जी सर्टिफिकेट बनाने के लिए व्हाट्सएप के जरिए गैंग को निर्देश देता था।

गिरोह के सदस्य जिस तारा कंपलेक्स में किराए पर रह रहे थे, उसके मकान मालिक वीरेंद्र मेहरा द्वारा इनका पुलिस सत्यापन नहीं कराया गया था।इस लापरवाही के कारण मकान मालिक पर 10,000 रुपये का चालान किया गया और भविष्य में बिना सत्यापन किरायेदार न रखने की सख्त चेतावनी दी गई।

पुलिस टीम को एसएसपी प्रह्लाद मीणा ने इस शानदार सफलता पर 2500 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।.पुलिस टीम मे थानाध्यक्ष मुखानी विजय मेहता,एसओजी प्रभारी: संजीत कुमार राठौर उप निरीक्षक.मनोज सिंह अधिकारी थाना मुखानी उ.नि. राजेंद्र सिंह थाना मुखानी हेड. कांस्टेबल. ललित श्रीवास्तव,कानि. चंदन सिंह एस ओजी,कानि. अरविंद बिष्ट एस ओजी,कानि. राजेश बिष्ट एसओजी कानि. संतोष बिष्ट एस ओजी,कानि.परविंदर सिंह कानि. जय लाल,कानि. बलवंत सिंह शामिल रहे।

पुलिस ने आम जनता से अपील कर रही है कि अगर किसी को संदिग्ध गतिविधि की जानकारी मिले तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्क रहें और अपने दस्तावेज किसी अज्ञात व्यक्ति को न दें।

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